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तुस्सी ग्रेट हो, डीसी साहब...! मारकण्डा अब होगी निर्मल..!

तुस्सी ग्रेट हो, डीसी साहब...! मारकण्डा अब होगी निर्मल..! 
पर्यावरण प्रेमी उपायुक्त सिरमौर डा. आर.के. परूथि ने मारकंडा के जल को निर्मल बनाने की एक अच्छी मुहिम की शुरूआत की है। मारकंडा को निर्मल बनाने के अभियान को अमली जामा पहनाने का जिम्मा मारकंडा नदी के दोनो छोरों में पड़ने वाली 7 ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों को सौंपा गया है। मारकण्डा नदी के साथ लगने वाले पंचायतों में सतीवाला, बनकला, नाहन, विक्रमबाग, देवनी, आमवाला-सैनवाला, कालाअंब, शामिल हैं। मारकंडे नदी की स्वच्छता का अभियान शनिवार को मारकंडे के उदगम स्थल बोहलियों से विधिवत प्रारम्भ हुआ। 
  मारकण्डा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए नदी के आसपास बडी मात्रा मंे जलशोधक पौधे लगाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, ताकि जल शोधक पौधे मारकण्डा नदी के दूषित पानी को शुद्ध कर सकंे।
उधर, नाहन के लोकप्रिय विधायक डा. राजीव बिंदल ने मारकंडा नदी पर एक बड़े आकार के डैम का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा है। जिसके तहत मारकंडा चैनेलाईजेशन की लगभग 114 करोड़ रुपये की यह परियोजना स्वीकृति के अंतिम चरण में है। माना जाता है कि इस परियोजना के कार्यान्वयन होने पर ‘मारकंडा नदी’ लोगों के लिए ‘जीवनदायनी’ बनेगी। इससे पेयजल और सिंचाई योजनाओं को अत्यधिक लाभ होगा, जिससे किसानों की आदमनी मंे कई गुणा इजाफा होगा।  
मारकंडा नदी सिरमौर क्षेत्र लोगों की आस्था से जुड़ी हुई है। इसलिए इस नदी को प्रदूषण से बचाने की मांग समय-समय पर उठती रही है। यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश की 7 प्रदूषित नदियों में मारकण्डे नदी दूसरे स्थान पर आंका गया है। इसकी प्रमुख वजह मारकंडे नदी के आसपास कैमिकल उद्योगों का स्थित होना भी माना गया है।
 जिला प्रशासन ने पंचायतों के सहयोग से मारकंडा नदी को साफ करने का फैसला किया है और 23 किलोमीटर लम्बी इस नदी के ईद गिर्द सफाई का कार्य प्रारम्भ हुआ है। 
शनिवार को निर्मल मारकंडा अभियान में मारकण्डा नदी के साथ लगती 7 पंचायतें के प्रतिनिधियों के अलावा के अतिरिक्त महिला मण्डल, युवक मण्डल व स्वंय सहायता समूह, आशा वर्कर, आगंनवाडी कार्यकर्ताओं सहित सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भाग लिया
इस सफाई अभियान के दौरान  उपायुक्त डा. परूथी के नेतृत्व में मारकण्डा नदी के उद्गम स्थल बोहलियों से विक्रमबाग तक तथा अतिरिक्त उपायुक्त प्रियंका वर्मा के नेतृत्व में कालाअंब से विक्रमबाग तक नदी को साफ किया गया।
 डा. परूथि कहते हैं - ‘‘सफाई के साथ-साथ यह भी पता लगाया जा रहा है कि किन कारणों से यह नदी प्रदुषित हो रही है और इस नदी को प्रदुषित होने से कैसे रोका जा सकता है...!’’
    उन्होंने बताया कि मानसून से पहले इस तरह के अभियान को और आगे चलाया जाएगा ताकि मानसून से पहले नदी के आसपास ठोस कचरे को पूर्णतः साफ किया जा सके और एकत्रित किए गए कूड़े को ठोस कचरा प्रबंधन प्लान्ट कालाअंब में बेलिग यूनिट लगाकर कचरे को बेल करने के पश्चात सीमेंट उद्योग में ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाएगा।
आज इस अभियान का एक और उद्देष्य लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है ताकि लोग कूडा कचरा तथा मन्दिरों में इस्तेमाल होने वाली पूजा सामग्री को नदी नालों में न डाले और घरों में इस्तेमाल होने वाले सूखे व गीले कचरे को अलग-अलग करें ताकि उसका सही निष्पादन किया जा सके।
 इस अभियान का उद्देश्य लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना है तथा प्रदूषण के मूल कारणों का पता लगाना है ताकि प्रदूषण को फैलने से रोका जा सके। इस अभियान के बाद अगर कोई नदी में प्रदूषण फैलाता पाया गया तो उसका चालान किया जाएगा।
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